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मुख्यधारा से पूर्णतः कटा हुआ है महादलित मोहल्ले के लोग



चोरौत | एक और जहां पूरे जिले में सरकार द्वारा सात निश्चय योजना के तहत गली नाली पक्कीकरण की योजना पर योजना पारित हो रही है, वहीं दूसरी तरफ चोरौत प्रखंड का एक वार्ड ऐसा भी है जहां पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की पहुंच नहीं हो पा रही है ।



चोरौत प्रखंड मुख्यालय स्थित उत्तरी पंचायत अंतर्गत वार्ड चार के महादलित मोहल्ला चंद्रसेना मुसहरी जो आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, गली नाली पक्कीकरण की बात कौन करे, यहां तो लोगों को आवागमन के लिए रास्ता भी नहीं है । सैकड़ों की आबादी से बसा यह महादलित मोहल्ला आज भी संसाधन के अभाव से जूझ रहा है । यहां के लोग जिल्लत भरी जिंदगी जीने को विवश हैं । सड़क विहीन इस मोहल्ले के लोग खेतों के मेड़ से आवागमन करने को मजबूर हैं ।

स्थानीय लोगों ने बताया कि जब किसान खेतों की बुआई कर लेते हैं ,तो आवागमन करने में और भी परेशानी बढ़ जाती है । 

इसी प्रकार अगर आवागमन करने के दरमियान फसल का नुकसान हो जाता है तो किसान की हजार गाली हम ग्रामीणों को सुननी पड़ती है. वहीं  मोहल्ले में अचानक किसी की तबीयत बिगड़ जाने से और एंबुलेंस पहुंचने का कोई साधन नहीं नजर आने पर लोग परेशान होकर मरीज को ठेला पर सुलाकर लोगों की मदद से स्वास्थ्य केंद्र लाना पड़ता है ।

सुधीर माझी, सीता देवी, सुनील सदा, चुल्हिया देवी आदि ग्रामीणों ने बताया कि इस मोहल्ले में बिजली ,शुद्ध पेयजल, चापाकल, शौचालय, आंगनबाड़ी केंद्र जैसी कई मूलभूत सुविधाए आज भी नहीं है ,बच्चों को उच्च शिक्षा नहीं मिल पा रही है । शिक्षा के अभाव में लोगों को जीविकोपार्जन हेतु दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ता है ,यहां तक कि गर्भवती महिलाएं और गंभीर पेशेंट को अस्पताल तक ले जाने के लिए ठेला, रिक्सा या चारपाई का उपयोग करना पड़ता है, वहीं ग्रामीणों ने प्रतिनिधियों को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर अब चुनाव से पहले सड़क नहींं बनता है तो हम लोग चुनाव का बहिष्कार करेंगे, यानी पहले रोड तब वोट ।


जीविकोपार्जन के लिए करते हैं मजदूरी

स्थानीय ग्रामीणों में रेणु देवी, यशोमति देवी सहित दर्जनों महिलाओं ने बताया कि रास्ते के चलते बाहर गांव से रिश्ता तक नहीं आ पाता है । मर्द लोग जीवकोपार्जन को लेकर बाहर चले जाते हैं । हम महिलाएं व बच्चे मिलकर पेट की भूख मिटाने को लेकर जीविकोपार्जन के लिए किसानों के खेत मे मजदूरी करते हैं । 

कभी नहीं आते हैं पदाधिकारी व नेतागण

आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि ऐसे पिछड़े गांव की पदाधिकारी भी सुधि लेने नहीं पहुंचते हैं । भले ही सरकार व स्थानीय प्रशासन सुशासन की बात करता हो, लेकिन इस मोहल्ले की स्थिति यह दर्शाती है कि विकास तो दूर गांव में आवागमन तक के रास्ते नहीं है । जनप्रतिनिधि वह नेतागण चुनाव के समय ही इस क्षेत्र में दिखते हैं, तथा बड़े-बड़े वादे कर निकल जाते हैं । स्थानीय लोगों ने कहा कि आगामी चुनाव में हम लोग मतदान का पूर्णरूपेण बहिष्कार करेंगे ,और आने वाले समय में प्रखंड सहित जिले का भी घेराव करेंगे ।

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