प्रशासन की सुस्ती से जनता बेहाल
चोरौत प्रखन्ड में बाढ से हुए भीषण तबाही के बाद राहत वितरण, पुनर्स्थापन , उपयुक्त स्वास्थ्य सेवा, सड़क मरम्मतीकरण व जलजमाव एक गंभीर चुनौती बनी हुई है. प्रखन्ड मुख्यालय में दुर्गा चौक स्थित टोटही पोखड़ के भर जाने से निकलने वाला पानी पश्चिम दिशा की ओर बने नाला होते हुए सड़क के पूर्व बने नाले से होकर उत्तर दिशा की ओर बहते हुए मुख्य सड़क के तिराहे को पार करते हुए पश्चिम की तरफ डोरा में गिरती थी.
फिर डोरा के पूर्व दिशा में बने नाला होकर सीधा दक्षिण की तरफ बथूआ फूलवारी में चली जाती थी. गाँव के बीच में स्थित भगवती पोखड़ के भरने से निकलने वाला पानी भी पश्चिम दिशा की ओर नाला होते हुए डोरा के पूर्व बने नाले में चली जाती थी. ओछी मानसिकता के कारण कई लोगों ने विभिन्न जगहों पर नाले को भरकर अतिक्रमण कर लिया है. जिस कारण पिछले कई सालों से नाले से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है. दुष्परिणाम यह है कि दुर्गा मंदिर प्रांगण में पानी पूरा जमा है. टोटही पोखड़ के पश्चिमी तट पर बसे घरों के अंदर भी पानी है. दुर्गा मंदिर के इसी परिसर में पिछले 49 वर्षों से होते आ रहे दुर्गापूजा के शुरू होने में अब महज 3 सप्ताह ही बचे हैं. उत्तरी पंचायत के वार्ड संख्या 3, 4, 5, 6 और 7 को जाने वाली की मुख्य सड़क जो खतबे टोल से होकर दक्षिण की तरफ जाती है, में स्थानीय सरपंच के घर से आगे दक्षिण की ओर अभी भी सड़क पर पानी है जिससे हजारों लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. इसी सड़क के ठीक आगे स्थित नीम के पेड़ से लालाजी मुहल्ले को जोड़ने वाली लिंक सड़क पर उसी डोरा में बने सड़क के नीचे दिये गये ह्यूम पाइप के मुहाने को भर कर अतिक्रमण कर लिया गया है. जिस कारण इतनी गंभीर समस्या पैदा हुई है.
इतना ही नहीं , इस वजह से डोरा में साल में 10 महीना पानी भरा रहता है. बरसात में डोरा में और अधिक पानी आ जाने से पूर्व तथा पश्चिम में बसे खतबे और बिन मुहल्ले में कई लोगों के घरों में पानी घुस जाता है. डोरा में जिनकी खेती की जमीन है वह भी इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. जल जमाव के कारण माहामारी फैलने की भी आशंका है. स्थानीय प्रशासन को प्रभात नव चेतना समिति व श्री दुर्गा पूजा समिति द्वारा इसकी लिखित शिकायत पूर्व में भी कई बार की जा चुकी है परंतु स्थानीय राजनीति, जातिगत समस्याएँ व प्रशासनिक सुस्ती के कारण आज तक कुछ समाधान नहीं हो पाया है. अत: जिलाधिकारी, सीतामढी से निवेदन है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यथाशीघ्र उचित कदम उठाने की कृपा करें !
इतना ही नहीं , इस वजह से डोरा में साल में 10 महीना पानी भरा रहता है. बरसात में डोरा में और अधिक पानी आ जाने से पूर्व तथा पश्चिम में बसे खतबे और बिन मुहल्ले में कई लोगों के घरों में पानी घुस जाता है. डोरा में जिनकी खेती की जमीन है वह भी इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. जल जमाव के कारण माहामारी फैलने की भी आशंका है. स्थानीय प्रशासन को प्रभात नव चेतना समिति व श्री दुर्गा पूजा समिति द्वारा इसकी लिखित शिकायत पूर्व में भी कई बार की जा चुकी है परंतु स्थानीय राजनीति, जातिगत समस्याएँ व प्रशासनिक सुस्ती के कारण आज तक कुछ समाधान नहीं हो पाया है. अत: जिलाधिकारी, सीतामढी से निवेदन है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यथाशीघ्र उचित कदम उठाने की कृपा करें !
धन्यवाद !
(प्रभात कुमार, संस्थापक- प्रभात नव चेतना समिति, चोरौत, सीतामढी)
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