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दो साल बाद सीतामढ़ी के निर्भया 'सिमरन' को मिला न्याय

सीतामढ़ी कि निर्भया 'सिमरन'

सिकरहना - पूर्वी चंपारण जिला के ढाका के बहुचर्चित सिमरन (काल्पनिक नाम) कांड में आज 24 मई बुधवार को निचली अदालत मोतिहारी एडीजे प्रथम ने जेल में बंद दो आरोपियो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है । न्यायालय ने आजीवन कारावास के साथ ही एक लाख रुपये की आर्थिक दंड भी किया है। जबतक आरोपी जिन्दा रहेंगे तब तक उन्हें जेल में रहना पड़ेगा ।

 न्यायालय के फैसले से सिमरन के साथ ही पूर्वी चंपारण जिले के आम लोगों में खुशी है। यहां बता दें कि सिमरन कांड में ढाका पुलिस ने 05 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की थी । जिसमें दो आरोपी राजू मियां और मो० इसरार मोतिहारी जेल में बंद है। मुख्य आरोपी मो० शमीम अख्तर नेपाल जेल में है। और दो आरोपी चंदन और मो० खालिद आज भी पुलिस के गिरफ्त से बाहर है। मालूम हो कि अगर स्थानीय पुलिस सिमरन के द्वारा खुलासे किये गये सभी  नामों  पर कार्रवाई की होती तो आज कई प्रभावशाली एवं दबंग लोग भी इस सजा के जद में होते ।
क्या है सिमरन कांड ?


24 फरवरी 2015 को ढाका पुलिस ने आजाद चौक के समीप मो० शमीम अख्तर के घर से तीन वर्ष से जबरदस्ती कैद कर रखी गई एक 15 वर्षीय युवती को बरामद की थी । उक्त युवती ने अपनी बरामदगी के समय कई सनसनीखेज एवं समाजविरोधी आपत्तिजनक कार्यों की खुलासा की थी। अपने खुलासे में बताई थी कि उसके साथ मो० शमीम, राजु मियां और दर्जनों लोग प्रतिदिन नशा की सूई एवं गर्भ निरोधक दवा देकर दुष्कर्म करते हैं। साथ ही यह भी खुलासा की थी कि उक्त घर में  कई  अन्य लड़कियों के माध्यम से देह व्यापार का धंधा चलाया जाता है जिसमें कई प्रभावशाली लोग भी शामिल हैं। तथा सिमरन ने बताई थी कि उसे देह व्यापार के लिए प्रदेश की राजधानी पटना से लेकर बंगाल के सिलीगुड़ी एवं नेपाल के राजधानी काठमांडु तक पड़ोसा जाता है। सिमरन ने बतायी थी कि उसकी पुश्तैनी संपत्ति हड़पने के नियत से  मो० शमीम ने  उसके एकलौते भाई अमन और पिता राजीव कुमार  सिंह तथा मां रीना उर्फ खुश्बू सिंह की हत्या कर चुका है। इस खुलासे के बाद तो ढाका क्षेत्र के अलावे पुरे पूर्वी चंपारण जिला में उबाल आ गया और लोग पुलिसिया कारवाई से नाराज होकर सड़क पर उतर गये। उस समय यह घटना काफी संवेदनशील बन गया था लेकिन पुलिस एवं जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए कारवाई शुरु कर दी थी। उस समय के पुलिस कप्तान सुनील कुमार के कारवाई से लोगों में आक्रोश था तो जिला पदाधिकारी जितेन्द्र प्रसाद  श्रीवास्तव से उम्मीद थी। इस मामले को लेकर विश्व हिन्दू परिषद, ढाका हिन्दू धर्म समाज, बजरंग दल के साथ ही कई समाजसेवी संगठन एवं समाचार पत्रों ने  सराहनीय  भूमिका निभाई थी । जिसका  प्रतिफल आज सामने आया है । सिमरन सीतामढ़ी जिले के डुमरा थाना क्षेत्र के रसूलपुर गांव के एक जमींदार की बेटी हैं। लेकिन मो०शमीम उसके सभी संपत्ति को तहस -नहस कर चुका है।
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मनोज कुमार कर्ण
हिंदुस्तान दैनिक संवाददाता
9430867182

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