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एक आतंकी से आर्मी मैन तक | भारतीय सेना ने नजीर वानी को बताया देसब का सच्चा वीर सपूत


तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचा शहीद का शव, नम आंखों से दी विदाई, पहले थे आतंकी लेकिन बाद में ज्वॉइन कर ली आर्मी, देश के लिए सीने पर खाई गोली ।

वानी को बाटागुंड में मुठभेड़ के दौरान गोलियां लगी थी। जख्मी होते ही उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस मुठभेड़ में 6 आतंकी भी मारे गए थे।

नजीर पहले आतंकवाद के रास्ते पर थे, लेकिन उन्होंने बाद में इससे किनारा कर लिया। फिर 2004 में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत टेरिटोरियल आर्मी की 162वीं बटालियन से की थी।

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