क्या आरक्षण हटना चाहिए !
ब्राह्मणों ने देश के गुलाम होने से पहले से ही दलित वर्ग के लोगों को शिक्षा से वंचित कर समाज से दूर उन्हें मुख्यधारा से जुड़ने से रोक शोषण किया.
जब ब्राह्मण आरक्षण का विरोध कर रहा है वैसी स्थिति में उन्हें जनेव तोड़ दलित वर्ग के लोगों को दूसरे ब्राह्मण के ही तरह समान अधिकार देना होगा.
आजादी
के आधी सदी बीत जाने के बाद भी ब्राह्मणों द्वारा शोषित दलित वर्ग अभी तक समाज के
मुख्यधारा से नहीं जुड़ पाया है.
दलित
वर्ग के लोग वेदों का उच्चारण न सुन ले इसलिए ब्राह्मण उनके कानों में कांच पिघलाकर डाल देता था जो ब्राह्मणों द्वारा किये गए कृतघ्न अमानवीय व्यवहार की पराकाष्ठा है.
ब्राह्मणों
द्वारा किये गए भेदभाव की वजह से ही कई पीढ़ी गुजर जाने के बाद भी यह दलित वर्ग
अपने बच्चों को विद्यालय भेजने से डरता है कहीं ब्राह्मण के बच्चे उनके साथ भेदभाव
न करे.
दलितों
को शैक्षणिक, सामाजिक, मानसिक और आर्थिक रूप से सुदृढ़ होने के लिए आरक्षण की आवश्यकता है
जिसे हमें अनदेखा नहीं करना चाहिए.
जानकारी पूर्ण रूप से सत्य नहीं है !
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